Pakistan Military News: जंग से पहले ही PAK की उड़ान पर ब्रेक! इस एक शर्त ने लगा दिए F-16 जेट पर अंकुश 

India Pakistan Military Equipment News: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे जंग के हालातों के बीच रोज पड़ौसी मुल्क पाकिस्तान में डर का माहौल बढ़ता दिखाई दे रहा है. एक तरफ भारतीय सेना की मिलिट्री ट्रेनिंग और तैयारी के बीच पाकिस्तान को ये डर सता रहा हैं कि कहीं अचानक भारत, पाकिस्तान के ऊपर हमला ना कर दे.

फिलहाल पाकिस्तानी वायुसेना की भी मुसीबत काफी बढती नजर आ रही है जिसकी असल वजह हैं भारतीय राफेल फाइटर जेट. 

आखिर क्यों खामोश बैठी हैं पाकिस्तानी वायुसेना

पाकिस्तानी सेना पूरी तरह से घबराई हुई है. पहले तो नेता कई बार भारत को परमाणु की धमकी देते नजर आये लेकिन अब खामोशी से सिर्फ जांच की मांग कर रहे है. इसी बीच जब खबर आई कि भारत-फ्रांस के बीच राफेल मरीन एयरक्राफ्ट की डील पर मोहर लगने वाली हैं तो पाकिस्तान अब और भी ज्यादा बौखलाया हुआ नजर आ रहा है. 

अब भारतीय राफेल से पाकिस्तान की हवा और भी पतली होती नजर आ रही है. पाकिस्तानी वायुसेना भी लगातार आसामान की तरफ टकटकी लगाई बैठी है. इस डर से की कब कोई फाइटर जेट आकर उनके सर पर बम ना दाग दे और जवाब हमले के लिए भी उनके पास कोई ख़ास हथियार नहीं है. 

आखिर क्यों पाकिस्तान का आसमान बिलकुल खाली पड़ा है? और कैसे पाकिस्तानी F-16 विमान के उपयोग पर अंकुश लग गया है. बता दे, ये सिर्फ एक शर्त के चलते हुए हुआ है. जब अमेरिका ने पाक्सितान को F-16 विमान बेचे थे तब इसी के साथ एक शर्त भी राखी गयी थी. जिसके मुताबिक़ पाकिस्तान सेना F-16 फाइटर जेट का इस्तेमाल सिर्फ आतंकवाद से सुरक्षा के लिए कर सकती हैं. 

यानि कि वो इस लड़ाकू विमान का इस्तेमाल युद्ध के लिए नहीं कर सकती है. इस शर्त की मर्यादा का पालन अच्छे से हो सकें इसके लिए अमरीका ने कई मिलियन डॉलर निगरानी के लिए खर्च किये हुए है. 

F-16 Aircraft विमान के बारें में 

एफ-16 फाइटिंग फाल्कन एक अमेरिकी सिंगल-इंजन सुपरसोनिक मल्टीरोल लड़ाकू विमान है. मल्टी रोल इलसिए कि ये हमले और बचाव दोनों के लिए काम आता है. हालांकि, इसे मुख्य रूप से बचाव के लिए ही उपयोग में लाया जाता है. अमेरिका की जनरल डायनामिक्स ने इसे अमेरिकी वायुसेना के लिए बनाया था. 

इस एक इंजन वाले एयरक्राफ्ट का निर्माण 1973 में हुआ और फिलहाल इसकी 4000 से भी ज्यादा यूनिट्स तैयार की जा चुकी है. इसकी कई यूनिट अन्य देशों द्वारा उपयोग में लाई जा रही हैं जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है. 

F-16 में आखिर क्या हैं ख़ास? 

F-16 एक सफल चौथी-पीढ़ी का मल्टी रोल फाइटर लड़ाकू विमान जेट है. इसकी स्पीड 2400 किलोमीटर प्रति घंटा हैं और इसकी सेवा अवधि कि बात करें तो वों 12000 घंटा बताई जाती है. पाकिस्तानी सेना का हैडक्वार्टर जो की रावल पिंडी में है अगर श्रीनगर से इस विमान को छोड़ा जाए तो यह सिर्फ 7 मिनट में वहां जाकर तबाही मचा सकता है. श्रीनगर से सिर्फ 10-15 में ही यह लड़ाकू जेट पाकिस्तान के किसी भी शहर में हमला बोल सकता है. 

पाकिस्तान F-16 का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकता?

एफ-16 का इस्तेमाल पाकिस्तान सिर्फ आतंकवाद-विरोधी अभियानों के लिए ही कर सकता है. आप ने ध्यान दिया होगा जब अभिनंदन के मिग-21 एयरक्राफ्ट को गिराने के लिए F16 एयरक्राफ्ट का ही इस्तेमाल किया गया था. 

हालांकि, अमेरिकी शर्त के मुताबिक़ पाकिस्तान F-16 जेट का इस्तेमाल युद्ध के लिए नहीं कर सकता है. इस शर्त की निगरानी के लिए ट्रम्प प्रशासन द्वारा 397 मिलियन खर्च किया गया है. लेकिन सिर्फ यही वजह नहीं हैं जिसके चलते पाकिस्तानी वायुसेना एफ-16 का इस्तेमाल नहीं कर सकती है. बल्कि और भी एक बड़ी वजह इसमें शामिल है. 

बता दे, पाकिस्तान के पास जो F-16 हैं उन्हें कई हद तक मेंटेनेंस की जरुरत है. बाला कोट हमले के समय भी उनके F-16 को काफी नुकसान पहुंचा था जिसके बाद खबर आई कि पाकिस्तान ऐसी आर्थिक स्थिति में नहीं हैं कि वो अपने F-16 की मरम्मत करा सकें. पाकिस्तान में लड़ाकू विमान को मेंटेन करने वाली फैक्ट्री ‘द मिराज रिब्युल्ड’ ने साल 2024 को बताया था कि पाकिस्तान को 682,000 अमेरिकी डॉलर विदेशी सैन्य खरीद के तहत देना है. 

जहा एक तरफ पाकिस्तान भारत को धमकी देता नजर आता हैं वहीं दूसरी दूसरी तरफ उनकी खुद की हालात काफी गंभीर नजर आ रही है. 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *