BSF जवान पूर्णम कुमार को आखिरी बार तब देखा गया था. जब वे गलती से पाकिस्तान की सीमा में घुस गए थे. इस दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा उन्हें हिरासत में ले लिया गया था. ख़ुशी की बात यह हैं कि अब भारतीय जवान को दुबारा पाकिस्तान ने भारत के हाथों सौंप दिया है. बहुत जल्द ही BSF जवान पूर्णम कुमार फिर से देश को सेवा देते हुए नजर आयेंगे.
मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी से की थी अपील
पूर्णम कुमार और उनकी पत्नी रजनी शॉ दोनों ही पश्चिम बंगाल के हुगली जिला के निवासी है. जब पत्नी की सुचना मिली की उनके पति को पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया है. तब से ही वे लगातार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से अपील कर थी कि उनके पति को लौटाया जाए.इस पर ममता जी ने संतोष जताते हुए कहा, वे सकुशल इस सप्ताह लौट आयेगे. अब आखिर में पत्नी कि प्रार्थना पूर्ण हुई और उनके पति सकुशल लौट आये है.
क्या हैं पूरा मामला
BSF जवान पूर्णम कुमार को वर्तमान समय में फिरोजपुर, पंजाब में नियुक्त किया गया था. डयूटी के समय गश्त लगाते हुए अचानक ही जवान अन्तराष्ट्रीय पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हो गए. जब उन्हें पाकिस्तानी रेंजरों ने देखा तो तुरंत ही जवान को हिरासत में ले लिया गया. आज 21 दिन बाद भारत-पाकिस्तान संवाद की वजह से भारतीय वीर को अटारी-वाघा बॉर्डर से कुछ औपचारिक प्रक्रिया के बाद रिहा कर दिया गया है.
अटारी वाघा बॉर्डर से पूर्णम कुमार का पहला विडियो
आज बॉर्डर से पूर्णम कुमार कुमार का पहला विडियो सामने आया जहाँ वे कुछ गाड़ियों के काफिले के साथ नजर आये. पूर्णम कुमार को पूरी तरह से स्वस्थ बताया गया है इस दौरान उनकी पत्नी का भी विडियो सामने आया है जिसमे वे सरकार को धन्यवाद कहते हुए नजर आई है. पत्नी ने कहा, पिछले दो हफ्ते से अनिश्चितता के कारण हम ठीक से सो नहीं सके =. हम उनके स्वास्थय को लेकर चिन्ति थे. हमारी प्रार्थना आखिरकार कबूल हो गयी है. बतादे, पूर्णम कुमार की पत्नी गर्भवती है और उनके लिए उनके पति का लौट आना किसी वरदान से कम नहीं था. इस दौरान पत्नी ने पीएम मोदी को धन्यवाद किया और अपने पति से भी लगातार फ़ोन से संपर्क में रही.